
स्वार्थी लोगों की पहचान क्या है और कैसे पहचाने इससे पहले हम बात कर लेते हैं यह स्वार्थी होने का अर्थ क्या है। स्वार्थी होने का अर्थ है सिर्फ और सिर्फ खुद का फायदा देखना। इस तरह के लोग दूसरे के प्रति कुछ न सोचता है और न देखता है। एक स्वार्थी लोग अपने ही लाभ और सुख को सबसे पहले महत्व देता है। उन्हें अक्सर दूसरों के साथ रिश्तों में भी सबसे पहले अपने हित को प्राथमिकता देता है। स्वार्थ यानी अपना फायदा अर्थात स्वार्थी होना मतलब अपना फायदा को प्राथमिकता देना।
स्वार्थी लोगों की पहचान असल में उसकी स्वभाव ही होता है। यह दूर से नहीं दिखता है लेकिन जब आप उसके करीब होते हो तो धीरे-धीरे सब सामने आने लगता है।
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इस तरह के लोग को पहचानना जरूरी है, क्योंकि इस तरह के लोग आपको कुचल कर भी अपना काम निकालने में देर नहीं करेगा। ये लोग अक्सर अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दूसरों को उपयोग करते हैं, बिना उनके हित में रुचि रखें। आज धोखाधड़ी की बहुत बातें होती हैं लेकिन इस धोखाधड़ी का जन्मदाता कहीं न कहीं अधिक स्वार्थी होना ही है। मतलबी लोग अक्सर अपने स्वार्थ के लिए कुछ रिश्ते लोगों से बना कर रखते हैं जो कि एक समय के बाद जब उनका फायदा खत्म हो जाता है तो धोखा, झूठ बोलना और दूसरों को ब्लैकमेल करने जैसे चीज़े सामने आते हैं।
स्वार्थी लोगों की पहचान करने के लिए, ध्यान देने योग्य चिन्हों में शामिल होते हैं:
- स्वार्थ: इस तरह के लोग अक्सर सिर्फ अपने हित को ध्यान में रखते हैं, बिना दूसरों के हित को सोचे। स्वार्थ का मतलब ही है अपना फायदा देखना तो स्वार्थी लोग अर्थात अपना फायदा देखने वाला।
- धोखा देना: ये लोग अक्सर दूसरों को धोखा देते हैं ताकि अपना लाभ हासिल कर सकें।
- उपयोगकर्ता: स्वार्थी लोग अक्सर अपने मनोबल की जरुरत के समय तक प्रयोग करते हैं, और उन्हें फिर छोड़ देते हैं।
- असहमति से नाराज़ होना: इस तरह के लोग अक्सर जब उनकी सोच या इच्छाएं पूरी नहीं होती हैं, तो वे आमतौर पर असहमति और नाराज़ी का प्रकट करते हैं। यह सबसे खास तरीके हैं जिससे आप पहचान सकते हो।
- नजर रखना: सबसे खास और महत्वपूर्ण बात की आपको इन्हें पहचानने के लिए उसके हरकत पर नजर रखना होगा। हालांकि ये लोग भी आप पर नजर रखते हैं लेकिन आपको भी रखना जरूरी है ताकि आप आसानी से इन्हें पहचान सके।
यहाँ सबसे बड़ी बात यह भी ध्यान देने योग्य है कि इस जहां में सभी लोग स्वार्थी नहीं होते, लेकिन स्वार्थीता की यह प्रवृत्ति उन्हें अन्यों से पहले ही अलग करती है। हालांकि देखा जाए तो हर व्यक्ति को स्वार्थी होना जरूरी भी है लेकिन सर्वप्रथम यह देखना भी आवश्यक है कि आप के कारण कोई अन्य व्यक्ति दुःखी न हो, कोई आप के बजह से किसी पीड़ा को न सह रहे हो और आप किसी ओर के नजर में धोखेबाज न बनो। क्योंकि अपने आप को प्राथमिकता देना गलत नहीं है लेकिन दूसरों को दुःख देना या दूसरों के दुःख का कारण बनना गलत है।
स्वार्थी होना सही है अर्थात यह आपके अंदर यह सोचने की क्षमता को उन्नत करने में मदद करता है कि कोई आपका इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है। कोई अगर आपका इस्तेमाल कर रहा है तो यह भी आपके लिए बहुत बुरी चीजें हैं। इनसे बचने के लिए खुद को थोड़ा स्वार्थी जरूर बनाना चाहिए लेकिन ज्यादा नहीं। आप अपने फायदा के लिए किसी अन्य व्यक्ति का इस्तेमाल न करें और न ही किसी के भावना के साथ खेलों। अगर आप बुरा करोगे तो एक दिन आपके साथ भी बुरा जरूर होगा, आज नहीं तो कल सबको उसके कर्मों का फल मिलता जरूर हैं।
स्वार्थी लोग के बारे में यही कुछ खास जानकारी थी, उम्मीद करता हूँ आप अच्छा लगा होगा और आपकी सवालों का जवाब भी हम दे पाए होंगे। धन्यवाद!