हमने खाया है धोखा – यह कहानी प्यार में खाए धोखा, एक लड़के की है। उस लड़के को प्यार पर भरोसा नहीं था लेकिन उस लड़की ने इसे वह सभी बजह दे दी, जिससे रमेश प्यार में पड़ गया। पढ़े या सुने पूरे कहानी को, कैसे और क्यों मिला उस लड़के धोखा।
हमने खाया है धोखा Part-1 > Full Story
रमेश नाम के लड़के और नेहा नाम की लड़की है, ये दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं, नेहा रमेश से जूनियर थी। इस पार्ट में जाने कैसे हुआ था प्यार की शुरुआत।
गांव में रमेश
![हमने खाया है धोखा Part-1 || Heart Touching Sad Story - [In Hindi] || Abhimanyu Kumar](https://uniabhimanyu.com/wp-content/uploads/2024/08/pexels-hai-nguyen-825252-1699414-1024x683.jpg)
रमेश वसंत नगर बेंगलुरु के एक छोटे बस्ती में रहता था, जन्म भी यही हुआ था और बचपन से ही अपना स्कूल वही खत्म कर, पास के दो गाँव दूर एक कॉलेज से अपना कॉलेज पूरा कर रहा था। रमेश आखिरी साल में पहुंच गया था और कॉलेज भी खत्म होने पर थी। तभी कॉलेज में एक ट्रिप की योजना बनाई गई, उस ट्रिप में हर एक बच्चे को जाने का मौका दिया गया। इस ट्रिप की तैयारी जोड़ो पर थी, हालांकि ट्रिप की जानकारी आज ही दी गयी थी लेकिन अगले ही दिन जाना था अर्थात आज रमेश को जानकारी मिला और कल ही रमेश को ट्रिप पर जाना था।
सभी बच्चे को घर जाने का आदेश मिला क्योंकि सभी को अपने-अपने अभिभावक से पूछ कर कॉलेज में जाने या ना जाने की संभावना को पुष्टि करना था। रमेश बहुत उत्सुक था जाने के लिए, वह भी तेजी से घर आया और अपने पापा से बात करने के लिए, सीधे उनके कमरे में चला गया।
रमेश ने देखा उसके पापा टेबल के सामने बैठकर न्यूज पेपर को पढ़ रहे थे। मौका देख वह तेजी से आगे गया और अपने पापा को सारा बात बताते हुए, ट्रिप पर उसे जाने देने की मांग की, उसके पापा भी मान गए। वह बिना कुछ सोचे, खुशी से दौड़ता हुआ कॉलेज गया और अपना नाम ट्रिप पर जाने वालों की लिस्ट में पुष्टि करवा दिया।
रात भर रमेश को नींद तक नहीं आ रहा था, उसे जल्दी सुबह होने का इन्तेज़ार था क्योंकि इससे पहले वह कभी आसपास के 6 से 7 गांव के अलावा दूसरे किसी और जगह पर नहीं गया था, उससे भी खास तो यह था कि वह कभी खास घूमने के लिए गया ही नहीं था। सुबह हुई, वह जल्दी से उठा और तैयार होने लगा, जल्दी जल्दी तैयार होकर कॉलेज समय पर पहुंच गया।
कॉलेज ने एक नियम बना दिया था, हर बच्चे को कॉलेज से ही अपने बस का सीट नंबर लेना होगा, ताकि बस के अंदर सीट के लिए कोई बच्चे आपस में झगड़ने ना लगे। सब बच्चे बस में बैठ गया और बस कॉलेज से निकल पड़ी।
पहली मुलाकात
रमेश इतना खुश था कि उसके बगल में कौन बैठा था, उसने यह देखा तक नहीं। कुछ देर बस चलने के बाद एक जगह पर जा कर रुक गई। रमेश बहुत नींद में था क्योंकि उसने रात में अच्छी नींद पूरा नहीं कर पाया था, ट्रिप पर जाने के बारे में ही रात भर सोचते रह गया था।
बस से सब उतर कर नीचे चला गया, पर ये सोया था, उसके सीट के बगल में नेहा कश्यप बैठी थी जो रमेश से जूनियर थी। नेहा जब देखी, सब तो उतर गया लेकिन रमेश तो बस में ही सोया हुआ है। नेहा ने तुरंत फिर वापस रमेश के पास जा कर रमेश को नींद से जगाने लगी, कुछ देर जगाने की कोशिश की तब जा कर रमेश का नींद खुला।
रमेश उठा तो नेहा को देख कर थोड़ा देर के लिए हिरानी से नेहा को देखने लगा, मानो जैसे इसके साथ कोई बहुत बुरा बरताव हुआ हो, नेहा भी समझ गयी और बोली – ट्रिप पर आए हो या सोने के लिए। तब रमेश को समझ आया, वह तो ट्रिप पर आया है और नेहा को धन्यवाद कर गाड़ी से नीचे उतर गया।
रमेश ने पहली बार किसी लड़की के अपने आस-पास देखा था क्योंकि ये हमेशा सभी लड़की से दूर रहना ही पसंद करता था। इसके बारे में पूरे कॉलेज में सबको मालूम था, रमेश एक बुद्धिमान और बहुत ही अच्छा स्टूडेंट था। सभी बस से नीचे आ चुका था और शिक्षक ने सभी विद्यार्थियों को साथ कर आगे बढ़ा, एक खूबसूरत जगह की ओर।
सभी स्टूडेंट उस जगह को देख कर बहुत खुश थे, वह जगह बेहद खूबसूरत था, कहीं झील तो कहीं ऊँची पहाड़ियों का नज़ारा, सबको बहुत आनंद आ रहा था। तभी रमेश ने देखा एक लड़की उसके तरफ ही आ रही थी, वह लड़की कोई और नहीं बल्कि नेहा ही थी। नेहा बहुत खूबसूरत थी, कॉलेज का अक्सर लड़के उसके पीछे पड़ा रहता था।
पहले तो वह घबरा गया, आखिर ये लड़की मेरे तरफ क्यूँ आ रही है, फिर नॉर्मल हो कर रमेश दूसरी तरफ घूम कर वहाँ का नज़ारा देखने लगा। रमेश दिखने में भी खूबसूरत था और बुद्धिमान भी था, कॉलेज का सबसे अच्छा स्टूडेंट में रमेश का नाम आता था। हर साल के टॉप लिस्ट वाला स्टूडेंट चार्ट में इसका नाम भी रहता था।
नेहा आकर रमेश को बोलती हैं, “क्या सर अभी भी नींद आ रही है या सच में खुली आँख से यहाँ का नजारा देख रहीं हो”। रमेश कुछ देर सोचने के बाद बोला, “ऐसा कुछ नहीं है, मैं हमेशा सोते नहीं रहता, बस रात में नींद पूरी नहीं हुई थी तो बस में ही नींद लग गया”।
“हाँ! रात भर पढ़ाई कर रहे होंगे, तभी तो आज कॉलेज के टॉपर हो” नेहा ने तुरंत ही जबाव देते हुए बोल दी। रमेश कुछ नहीं बोला शांति से सुन कर रह गया, पहला बजह तो यह था कि उसे लड़की से दूर रहना ही पसंद था और दूसरा यह कि रमेश रात भर ट्रिप के बारे में सोच सोच कर बहुत खुश था इसलिए नींद नहीं आया था।
रमेश आगे बढ़ गया लेकिन नेहा उसका पीछा करते हुए, जहां-जहां रमेश जा रहा था वही वही नेहा जा रहीं थीं और लगातार बात करने की कोशिश कर रही थी। रमेश बार बार इग्नोर करते जा रहा था लेकिन उसका सवाल इतना था कि बीच-बीच में इसको ज़वाब देना ही पड़ता था।
धीरे-धीरे रमेश नेहा के साथ घुलमिल गया, एक दूसरे से अच्छे से बात करने लगा। अब बेचारा रमेश करे भी तो क्या करे, नेहा सवाल और बात ही इतना करने की कोशिश कर रही थी कि रमेश हार मान गया। अब ट्रिप खत्म हो गया सब वापस जाने के लिए, बस में बैठा। नेहा और रमेश का एक ही सीट था, दोनों फिर साथ में जा कर बैठ गए, आने वक़्त रमेश तो देखा तक नहीं था लेकिन अब दोनों दोस्त बनने के करीब ही थे पर अभी बने नहीं हैं।
Disclaimer
यह कहानी (हमने खाया है धोखा) किसी भी सच्ची घटना से संबंधित नहीं है, इसे सिर्फ मनोरंजन के लिए ही अभिमन्यु कुमार के द्वारा लिया गया है। यह हमने खाया है धोखा कहानी का पहला part है और हमने खाया है धोखा का part 2 जल्द ही आने वाला है।