जिंदगी का अकेलापन : ज़िंदगी का अकेलापन एक बहुत ही जटिल भावना है और यह अकेलापन का भावना आने का कई कारण हैं। आप अगर किसी से बात नहीं करते हैं, ज्यादातर लोगों से दूर रहना पसंद करते हैं तब यह अकेलापन महसूस आप करने लगते हो। एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से नजदीक रहता है किसी भी माध्यम से और अगर लगातार किसी न किसी व्यक्ति से बात करते रहता है, इस केस में यह फिलिंग नहीं आता है। ऐसे ही कई सारे बाते हैं जिस पर हम आज बात करेंगे कि यह अकेलापन वाली फीलिंग्स से बचे कैसे और यह वास्तव में होता क्या है?
Article By Abhimanyu Kumar

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जिंदगी का अकेलापन महसूस होने का कुछ मुख्य कारण:
- सामाजिक अलगाव: अकेलापन महसूस करने का सबसे बड़ा कारण है जब लोग दूसरों से अलग-थलग महसूस करते हैं इस परिस्तिथियों में उन्हें अकेलापन महसूस हो सकता है। यह परिवार और दोस्तों से अलग होने, कोई नई जगह पर जाने या किसी बीमारी या विकलांगता के कारण हो सकता है। यह महसूस होने का कोई एक बजह नहीं होता है। यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस बजह से अकेलापन महसूस कर रहा है।
- अर्थहीनता: कुछ लोग ऐसे भी हैं जब उनको लगता है कि उनकी ज़िंदगी का कोई मकसद नहीं है तो ऐसी परिस्थिति में भी उन्हें अकेलापन महसूस हो सकता है। मकसद हिंता का सबसे बड़ा कारण काम, रिश्तों या शौक में रुचि खोने जैसी बाते हो सकता है।
- असुरक्षा: जब लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, तो वे दूसरों से दूर भागने की कोशिश करते हैं, जिससे उन्हें अकेलापन महसूस हो सकता है और इसका सबसे बड़ा कारण आत्मसम्मान की कमी, आघात या भेदभाव हो सकता है। आज के समाज में यह सब बहुत अधिक होता है खास तौर पर आमिर और गरीबों में भेद भाव बहुत होता है। और यह भेदभाव एक बड़ा बजह है, आज के समय में अकेलापन महसूस करने का, क्योंकि लोग दूरी बनाने लगता है, थोड़ा सा भी गरीब है तो उसके मन में हिन भावना आ जाती है, वह अकेला रहना पसंद करने लगता है।
अकेलापन बहुत ही बुरा प्रभाव डालता है हम इंसानो पर, इसके फायदा कम नुकसान ज्यादा होता है। यह इंसानो को कमजोर बना देता है, लगभग ज्यादातर लोगों ने इसके कारण अवसादग्रस्त हो जाते हैं। हाँ! यह भी सच है कि कुछ लोग अपने अकेलापन को ही अपना ताकत बना लेते हैं। लेकिन हर व्यक्ति इसे अपना ताकत नहीं बना पाते हैं अर्थात यह हम इंसानो का ताकत कम और कमजोरी ज्यादा है।
इसके कई नकारात्मक परिणामों का कारण बन सकता है, जैसे:
- मानसिक स्वास्थ्य: इसका सबसे बड़ा खतरा है मानसिक तनाव, चिंता तथा आत्महत्या करने की संभावना बढ़ा सकता है। यह लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करता है, जिससे इंसान अपना आपा खो देता है और उसका ऐसा हालत हो जाता है कि वह क्या कर रहा है यह उसे भी मालूम नहीं रहता है और ऐसे स्थिति के बजह से लोग आत्महत्या कर लेते हैं या चिंता में डूबे रहते हैं।
- शारीरिक स्वास्थ्य: यह हृदय रोग, स्ट्रोक और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के खतरे को बढ़ा सकता है। इसके अलावा भी कई सारे मामले है जो कि इसके बजह से इंसानों को झेलना पड़ता है।
- सामाजिक जीवन: यह सामाजिक कौशल को कम कर सकता है और दोस्ती बनाना मुश्किल बना सकता है। यह लोगों से भरोसा उठा देता है जिस भी व्यक्ति को अकेलापन महसूस हो जाता है वह दूसरों पर भरोसा नहीं कर पाता है। वह अपने अलावा दूसरों के साथ असुरक्षित महसूस करता है। वह सभी से दूर भागने लगता है अर्थात सामाजिक जीवन से उसका जीवन बंचित हो जाता है।
अकेलापन से निपटने के कई तरीके :
अकेलापन से निपटने के कई तरीके होते हैं और उन तरीक़ों में से कुछ खास तरीके मैं आपके बीच लेकर आया हूं। जिससे आप इस नकारात्मक प्रभाव से बच सकते हैं या फिर अगर आप पर यह हावी हो चुका है तो उससे बाहर कैसे निकला जा सकता है, जैसे:
- सामाजिक संपर्क बढ़ाना: सबसे पहले आज के समय में लोग अपने परिवार को भूल जाते हैं कहने का तात्पर्य यह है कि लोग अपने परिवार से कम संपर्क में रहते हैं जबकि आपको इनसे काफी नजदीकी बनाए रखना चाहिए। इसलिए अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं, नए लोगों से मिलें और सामाजिक समूहों में शामिल हों, ताकि आप नए नए लोगों से मिल कर कुछ नया अध्याय को जान सके अर्थात खुद को सामाजिक तौर तरीके से बेहतर अवगत करा सके।
- मकसद ढूंढना: आपके बेहतर जीवन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है खुशी, इसलिए ऐसी चीजें ढूंढें जो आपको खुशी दें और आपको अर्थ का एहसास दें। खुशी की तलाश आपको खुद ही करना होता है यह कथन पुरखों से चला आ रहा है और कहा जाता है।
- स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना: स्वस्थ जीवनशैली आपकी मानसिक तनाव को कम कर देता इसलिए आपको हमेशा अपने स्वस्थ पर ध्यान देना चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ भोजन खाएं और पर्याप्त नींद लें। यह तीन कार्य अगर आप करते हो तो आप अपना जीवन-शैली को स्वस्थ बनाए रख पाओगे।
- मदद लेना: अखरी और सबसे खास बात, यदि आप अकेलेपन के शिकार हो गए हैं और आप इससे निपटने चाहते हो तो चिकित्सक, परामर्शदाता से बात करें। चाहे तो आप अपने दोस्तों या परिवार में से भी किसी एक का मदद ले सकते हैं।
चलिए बात करते हैं अगर आप अकेलापन महसूस कर रहे हैं, तो आप अकेले नहीं हैं। कई लोग इस भावना से जूझते हैं। मदद उपलब्ध है और आप इससे निपटने के तरीके सीख सकते हैं। हम हमेशा आप के लिए कुछ खास और बेहतर लेकर आते हैं।
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