मैं कर्ण वीर योद्धा : यह एक Motivational Poetry है, जो महाभारत के वीर कर्ण के जीवन पर आधारित है। महावीर कर्ण आज के युवा के लिए बहुत ही बड़ी प्रेरणा है। मैं लेखक अभिमन्यु कुमार आपका स्वागत करता हूँ, आपके ही अपने प्लेटफॉर्म uniabhimanyu पर।
Details of content:
Highlights Of Motivational Poetry:
- महाभारत के वीर योद्धा कर्ण के जीवन से प्रेरणा
- आज के युवा के लिए महत्वपूर्ण प्रेरणा
- सपना को साकार करने के लिए सकारात्मक कोशिश
- लक्ष्यों को पूरा करे
मैं कर्ण वीर योद्धा – Full Motivational Poetry In Hindi
महाभारत हिन्दू धर्म में विश्व का सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण सहित कई महान व्यक्तियों के बारे में वर्णन है, जिसमें कर्ण एक अहम भूमिका में से एक था। कर्ण आज के युवा के लिए प्रेरणा होना चाहिए। इस Motivational Poetry में उन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए लिखा हूँ, कोशिश कम शब्दों में ज्यादा महत्वपूर्ण बातों को दिखाया हूँ।
मैं कर्ण सूत-वंश मे पला-बढ़ा, जन्म से किस्मत का खोटा, अपमान-अनल में जलता था, किस्मत मेरा था मुझसे रूठा।
गुरु छाया कहीं मिल ना सका, सूत पुत्र कह हरएक ने धिक्कारा, मैं भी जिद्दी था बहुत, बना था युद्ध वीर अभी।
मैं सहता था हर ताने को, मैं कभी किसी से कुछ कह ना सका, पंडित बन शिक्षा लिया, गुरु शार्प भी मुझे वहाँ मिला।
योद्धा बन खरा हुआ, दुर्योधन सा था दोस्त मिला, रणभूमि में खूब लड़ा, मृत्यु से मैं गोद लगा।
माना मैंने पाया मृत्यु, यह तो बस एक होनी था, मृत्यु के भय से मैं डरता अगर, आज इतिहास के पन्नों में कायर मैं कहलाता
डर के भय से तुम ना डरों, कर्म करो बस कर्म करो, इतिहास वीरों के पन्नों में, तुम भी अपना नाम करो।।